SHIV CHALISA LYRICS PDF - AN OVERVIEW

shiv chalisa lyrics pdf - An Overview

shiv chalisa lyrics pdf - An Overview

Blog Article

सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥

As Most are the sorts of Shiva, so many are her divine consorts, especially if we think about the Puranas. They characterize the power of the certain facet that Shiva embodies occasionally. So We now have Uma, the benefactress; Sati, the bride who throws herself into the fire during the sacrifice officiated by her father, Daksha, responsible of having excluded Shiva in the sacrifices for her resigned and ascetic look; Parvati, daughter on the Himalayas; the black Kalì, the destroyer; Bhairavi and Durga.

अर्थ- त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन करवाने, ध्यान करने और व्रत रखने से किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं रहता।

तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय महं डेरा।।

भाल चन्द्रमा सोहत नीके । कानन कुण्डल नागफनी के॥

स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥

शिव चालीसा के माध्यम से आप भी अपने दुखों को दूर करके शिव की अपार कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥

हरं सर्पहारं चिता भूविहारं भवं वेदसारं सदा निर्विकारम् ।

अर्थ: हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती। हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से मुझे उभार लो यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।

आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा

अर्थ: माता मैनावंती की shiv chalisa in gujarati lyrics दुलारी अर्थात माता पार्वती जी आपके बांये अंग में हैं, उनकी छवि भी अलग से मन को हर्षित करती है, तात्पर्य है कि आपकी पत्नी के रुप में माता पार्वती भी पूजनीय हैं। आपके हाथों में त्रिशूल आपकी छवि को और भी आकर्षक बनाता है। आपने हमेशा शत्रुओं का नाश किया है।

O Wonderful Lord, consort of Parvati You might be most merciful . You usually bless the bad and pious devotees. Your lovely sort is adorned with the moon on the forehead and on your own ears are earrings of snakes’ hood.

Report this page